
डे-केयर सेंटर या क्रेच का कारोबार शहरों में तेजी से बढ़ रहा है। न्यूक्लियर फैमिली में पति-पत्नी दोनों के नौकरी करने के कारण क्रेच की डिमांड लगातार बढ़ रही है। दिल्ली-एनसीआर में डे केयर वाले बच्चों को हफ्ते में छह दिन और 8 घंटे संभालने के लिए 5,000 से 10,000 रुपए फीस लेते हैं। अगर आपके पास घर में खाली कमरे हैं, तो आप भी डे केयर का कारोबार शुरू कर सकते हैं।
क्यों बन रहा है प्रॉफिटेबल बिजनेस
पेरेंट्स के पास वर्किंग आवर में बच्चों को संभालने के लिए समय नहीं है। इसलिए वह बच्चों को संभालने के लिए भरोसेमंद विकल्प खोजते हैं। यही कारण है कि डे केयर कारोबार प्रॉफिटेबल बिजनेस बनता जा रहा है। यह कारोबार शुरू करना काफी आसान है। हालांकि, स्टैंडर्ड मेंटेन करना और मॉनिटरिंग रखना जरूरी है। साफ-सफाई, बच्चों के खेलने का एरिया, बच्चों की सुरक्षा, और बच्चों पर मॉनिटरिंग के जरिए ही डे केयर पर पेरेंट्स का भरोसा बढ़ता है।
कितना करना होगा निवेश
यह कारोबार शुरू करने के लिए 2 से 10 लाख रुपए की जरूरत है। हालांकि अगर आपके पास अपना घर या एरिया है, तो इस कारोबार को 50 हजार रुपए से भी शुरू किया जा सकता है। क्योंकि आपको रेंट का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। आप डे केयर कारोबार से एक लाख रुपए महीना तक कमा सकते हैं।
कितनी चाहिए जगह
डे केयर के लिए आपको 1500 – 2000 वर्ग फीट एरिया चाहिए। कमरे हवादार और बड़े होने चाहिए। खेलने के लिए जगह, साफ किचन, प्ले रूम के लिए जगह चाहिए।
वन टाइम कॉस्ट
किड्स फर्नीचर, किड्स टॉयज, पज्जल गेम, टीवी, एसी, फ्रिज, माइक्रोवेव ओवन, जानकारी वाले चार्ट। इसमें करीब पचास हजार रुपए इन्वेस्ट करने पड़ेंगे।
ऑपरेटिंग कॉस्ट
डे केयर चलाने के लिए कर्मचारियों का वेतन, बिजली-पानी का बिल आपकी फिक्सड कॉस्ट है।
रजिस्ट्रेशन
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में जाकर रजिस्टर कराना होगा।
प्रोफेशनल स्टॉफ
आपको बच्चों के लिए प्रोफेशनल स्टॉफ भी रखना होगा। जैसे प्री स्कूल टीचर स्टाफ और मेड।
सीसीटीवी कैमरा
अपने डे केयर में सीसीटीवी कैमरा जरूर लगवाएं। जिससे जरूरत पड़ने पर पेरेंट्स बच्चों की विडियो को लाइव अपने मोबाइल पर देख सकें। इससे आपके डे-केयर पर अभिभावकों का भरोसा बढ़ेगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
आपके पास बच्चों का डॉक्टर, डाइटीशियन होना चाहिए, जो आपकी फोन कॉल पर इमरजेंसी में आ सके। आपको ध्यान रखना होगा कि आप बच्चों के साथ डील कर रहे हैं। इसलिए फर्नीचर, एक्टिविटी एरिया और इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा होना चाहिए जिससे उन्हें कोई चोट न लगे।
अन्य
हैंडआउट जिसमें, टॉडलर (शिशु) के खाने का मेन्यु और एक्टिविटी लिखी हो।
फेसबुक और ब्लॉग बनाकर कीजिए प्रचार
अपने डे केयर का प्रचार करने के लिए विज्ञापन कीजिए। फेसबुक और ब्लॉग पेज बनाकर डे केयर का प्रमोशन कर सकते हैं। फेसबुक और ब्लॉग पेज माउथ टू माउथ प्रमोशन का काम करता है। आप लोकल न्यूजपेपर में विज्ञापन दे सकते हैं।
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