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Saturday, 7 November 2015

ये हैं ‘मास्टर’ बिजनेसमैन, खेलने की उम्र में खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी.



ये हैं ‘मास्टर’ बिजनेसमैन, खेलने की उम्र में खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी



 खेलने की उम्र और करोड़ों की कंपनी के मालिक। जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं। भारत में ऐसे कई ‘मास्टर’ बच्चे हैं, जिन्होंने छोटी-सी उम्र में ही खुद का बिजनेस शुरू कर दिया और आज बॉस बने हुए हैं। ये आंत्रप्रन्योर छोटे भले ही हों, लेकिन फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और गूगल के दिग्गज तक इनका लोहा मान चुके हैं। हम आपको बता रहे हैं, ऐसे ही पांच आंत्रप्रन्योर के बारे में, जिनकी उम्र कम होने के चलते कंपनी भी इनके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं हो सकी, लेकिन कारोबार की दुनिया में यह अपने क्रिएटिव आइडिया के कारण छाए हुए हैं।

श्रवण कुमारन और संजय कुमारन
14 साल के श्रवण और 12 साल के संजय भारत से सबसे छोटे उद्यमी हैं। दोनों चेन्नई के रहने वाले हैं। दोनों ने मिलकर वर्ष 2011 में ‘गो डाइमेंशन्स’ ऐप लॉन्च किया था। दोनों ही ऐप बनाने में माहिर हैं। अब तक ये दोनों 11 ऐप डेवलप कर चुके हैं। इनकी एप्लिकेशन एप्पल प्ले स्टोर और गूगल प्ले स्टोर दोनों पर मौजूद हैं। इस ऐप के करीब 35 हजार से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। अपनी प्रतिभा के कारण दोनों आईआईएम-बेंगलुरु और टेडेक्ट कॉन्फ्रेंस में प्रजेंटेशन दे चुके हैं। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी दोनों से मिल चुके हैं। श्रवण कंपनी के प्रेसिडेंट, जबकि संजय सीईओ हैं। दोनों की उम्र कम है, इसलिए भारतीय कानून के मुताबिक इनकी कंपनी परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर रजिस्टर्ड है।

किंग सिद्धार्थ
ये एक ऐसा नाम है, जिसने युवाओं के लिए मिसाल कायम की है। 11 साल की उम्र में ही सिद्धार्थ ने क्रिएटिव राइटिंग शुरू कर दी थी। 10वीं कक्षा में पढ़ते हुए सिद्धार्थ ने ऑनलाइन मैगजीन  शुरू की थी। यह बहुत फेमस हुई। इसके बाद उन्होंने फिल्म मेकिंग में इंटरेस्ट दिखाया और कई शॉर्ट वीडियो तैयार कीं। 2010 में सिद्धार्थ दुनिया के 25 यंग उद्यमियों में शामिल हुए। 19 साल के सिद्धार्थ अब टीन्स के बीच छोटे कॉम्पिटीशन ऑर्गेनाइज करते हैं। इन्हें ‘Createens’ कहते हैं। इसके जरिए यंग स्टूडेंट्स को ब्लॉगिंग और एंटरप्रेन्योर बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। सिद्धार्थ स्प्रिचुएलिटी और साइंस पर एक किताब भी लिख चुके हैं

अर्जुन राय
सात साल की उम्र में ही अर्जुन की प्रतिभा सबके सामने आ गई। उन्होंने एक गैराज में सेल्स का काम किया और घर के बाहर स्टफ बेचना शुरू किया। इससे भी बात नहीं बनी तो फूल बेचने शुरू कर दिए। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन कंपनी शुरू की, जो विज्ञापन के लिए काम करती थी। फिलहाल अर्जुन 'canvas.co' के फाउंडर और सीईओ हैं। कंपनी क्रिएटिव ऐड के लिए काम करती है।

फरहाद एसिडवाला
पुणे महाराष्ट्र में जन्मे फरहाद एसिडवाला 21 साल के हैं। 12 साल की उम्र में ही उन्होंने इंटरनेट बिजनेस शुरू कर दिया था। साल 2009 में उन्होंने ‘Rockstah Media’ कंपनी बनाई। यह कंपनी वेब डेवलपिंग में काम करती है। इसके लिए फरहाद ने अपने पिता से 500 रुपए उधार लेकर डोमेन खरीदा था। आज वह इस कंपनी के सीईओ हैं। फरहाद की कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक साल के भीतर ही उनकी डेवलपर, मार्केटर्स और डिजाइनर्स की टीम विभिन्न देशों में फैली है।

अंकुर जैन
अंकुर को यह प्रतिभा विरासत में मिली है। इन्फोस्पेस के फाउंडर नवीन जैन के बेटे अंकुर ने सात साल की उम्र में अपना वेंटर स्टरनियम शुरू किया था। अंकुर अभी अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ मिलकर ‘Kairos society’ नाम की कंपनी चला रहे हैं, जो ग्रैजुएट और अंडर ग्रैजुएट लोगों को खुद का बिजनेस शुरू करने में मदद करती है। वह अभी 25 साल के हैं।


source : bhaskar news

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