
दुनिया के बड़े अरबपतियों को देखकर हर व्यक्ति उस मुकाम पर पहुंचने का सपना देखता है। अपने पैसे का इस्तेमाल कैसे किया जाए और जीवन में आगे कैसे बढ़ा जाए यही बात और सोच एक अरबपति को एक औसत कमाई वाले व्यक्ति से अलग कर देती है। कहा यह भी जाता है कि आज क्या है कर रहे हैं यही सबसे अहम बात है।
‘रिच हैबिट: द डेली सक्सेस ऑफ वेल्थी इंडिविजिअल’ किताब के लेखक थॉमक कोरले ने बताया कि हर रोज की सोच अमीरों को दूसरों से कैसे अलग करती है। कोरले ने अमीर व्यक्तियों (16 लाख डॉलर और उससे ज्यादा की सालाना आय) और गरीब लोगों (35 हजार डॉलर और उससे कम की सालाना आय) दोनों के जीवन पर 5 साल तक अध्ययन किया है। आज हम आपको उन बातों के बारे में बता रहा है जिससे अमीरों और आम लोगों की सोच का फर्क नजर आता है। कोरले ने ‘रिच हैबिट’ और ‘पॉवर्टी हैबिट’ नाम से दो सेगमेंट बांट दिए हैं।
क्या है अमीरों की आदतें जो डालती हैं सबसे ज्यादा प्रभाव
अमीर व्यक्ति हमेशा अपने लक्ष्य पर रखते हैं नजर
‘मैं अपने लक्ष्य पर हर रोज फोकस करता हूं।’
62 फीसदी अमीरों ने मानी बात
6 फीसदी गरीबों ने मानी बात
6 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह जानते हैं कि उन्हें आज क्या करना चाहिए
‘मैं अपने रोजाना काम की लिस्ट तैयार रखता हूं।’
81 फीसदी अमीरों ने मानी बात
19 फीसदी गरीबों ने मानी बात
19 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह टीवी नहीं देखते
‘मैं प्रतिदिन एक घंटे या उससे कम टीवी देखता हूं।’
67 फीसदी अमीरों ने मानी बात
23 फीसदी गरीबों ने मानी बात
23 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह पढ़ते हैं…लेकिन मजे के लिए नहीं
मुझे पढ़ना पसंद है
86 फीसदी अमीरों ने मानी बात
26 फीसदी गरीबों ने मानी बात
26 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह ऑडियो बुक सुनते हैं
‘काम करते समय मैं ऑडियो बुक सुनता हूं।’
63 फीसदी अमीरों ने मानी बात
5 फीसदी गरीबों ने मानी बात
5 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह ऑफिस में अपने स्तर से ज्यादा काम करते हैं
‘मैं अपनी नौकरी से ज्यादा काम करता हूं।’
81 फीसदी अमीरों ने मानी बात
17 फीसदी गरीबों ने मानी बात
17 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह अपनी कमर को देखते हैं
‘मैं हर रोज अपनी कैलोरी चेक करता हूं।’
57 फीसदी अमीरों ने मानी बात
5 फीसदी गरीबों ने मानी बात
5 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह जैकपॉट जीतने की उम्मीद नहीं करते
‘मैं रोज लॉटरी खेलता हूं।’
6 फीसदी अमीरों ने मानी बात
73 फीसदी गरीबों ने मानी बात
73 फीसदी गरीबों ने मानी बात
वह अपनी मुस्कान का ध्यान रखते हैं
‘मैं रोज मुस्कुराता हूं’
62 फीसदी अमीरों ने मानी बात
16 फीसदी गरीबों ने मानी बात
16 फीसदी गरीबों ने मानी बात
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