
दुनिया में एक ऐसा बैंक है, जो अपने कस्टमर को बिना कोई डॉक्युमेंट के लोन देता है। हालांकि, यह बैंक सिर्फ इमरजेंसी सिचुएशन में ये लोन देता है। लोन देने के लिए बैंक कस्टमर की हथेलियों को स्कैन करके प्रिंट कर लेता है। ये बैंक जापान का है, जिसका नाम है ओगाकी क्योरित्सू बैंक। इस तकनीक के जरिए बैंक 2 मिलियन येन (11.20 लाख रुपए) तक लोन देता है।
तीन साल पहले बदला नियम
साल 2011 में भूकंप और सुनामी ने जापान में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। उस दौरान लोगों को घर बनाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि इस आपदा की वजह से उनके दस्तावेज नष्ट हो चुके थे। इस त्रासदी में बचे हुए लोगों को फिर से अपने घर और बिजनेस शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत थी। जबकि, उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बिना किसी प्रूफ के बैंक लोन नहीं दे रहा था। कस्टमर को लोन के लिए अपनी पहचान साबित करने के लिए काफी तकलीफें उठानी पड़ी थीं। इसके बाद जापन के ओगाकी क्योरित्सू बैंक ने लोन देने की प्रक्रिया को साल 2012 में आसान बना दिया।
बैंक ने साल 2012 में लॉन्च की यह स्कीम
बैंक ने साल 2012 में इस स्कीम को लांच किया था, जिसमें कस्टमर अपनी हथेलियों का प्रिंट देकर अकाउंट से पैसे निकाल सकते थे। आज की तारीख में इस सुविधा का लाभ 3 लाख से अधिक लोग उठा रहे हैं। स्कीम लांच करते वक्त ओगाकी क्योरित्सू बैंक के सीनियर अधिकारियों ने कहा कि हम उस त्रासदी को नहीं भूले हैं। इसलिए हमने कस्टमर के लिए लोन की प्रक्रिया आसान कर दी है। हम जरूरतमंद कस्टमर को बिना डॉक्युमेंट तुरंत लोन उपलब्ध कराना चाहते हैं। प्राकृतिक आपदा आने के तुरंत बाद यह लोन एक महीने के लिए कस्टमर को दिया जाता है, ताकि लोग अपनी जरूरत पूरी कर सकें। जापान में बैंक की 6 शाखाएं ये लोन देती हैं।
केवल प्राकृतिक आपदा पीड़ित को लोन
यह लोन सिर्फ प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों को ही दिया जाता है। जापान में बैंक की यह सुविधा काफी चर्चित है, क्योंकि भूगर्भीय हलचलों के कारण यह देश भूकंप के लिए बहुत ही संवेदनशील माना जाता है।
बैंक 2 मिलियन येन तक देता है लोन
दुनिया की किसी भी बैंक में बिना डॉक्यूमेंट के लोन नहीं दिया जाता। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कस्टमर इस बैंक से 2 मिलियन येन तक लोन ले सकता है।
भारत के लिए भी कारगर हो सकता है मॉडल
जिस तरह भारत में बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, उसे देखते हुए यह मॉडल काफी कारगर हो सकता है। अभी बॉयोमीट्रिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल धीरे-धीरे शुरू हुआ है। ऐसे में अगर यह मॉडल लागू होता है, तो आपदा के समय कस्टमर को काफी फायदा मिल सकता है।
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